Prime minister Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने छोड़ा देश और दिया इस्तीफा, आइए जानें उनके जीवन के बारे में।।।
Prime minister Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है, जिसके बाद उनके आधिकारिक निवास पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। हसीना के देश छोड़ने के बाद, प्रदर्शनकारियों ने उनके आधिकारिक निवास को लूट लिया और उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़ दिया। शेख हसीना के इस्तीफे से बांग्लादेश में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।
आइए जानते है, बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना की जीवन से जुड़ी कुछ बातें:
प्रारंभिक जीवन
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर, 1947 को पूर्व पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के टुंगिपारा में हुआ था, जो शेख मुजीबुर रहमान, बांग्लादेश के संस्थापक पिता और बेगम फजिलतुन्नेसा मुजीब की बेटी हैं।
शिक्षा
उन्होंने 1973 में ढाका विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
राजनीतिक करियर
शेख हसीना 1980 के दशक में राजनीति में आईं और 1981 में अवामी लीग की नेता बनीं। वह 2009 से बांग्लादेश की प्रधान मंत्री हैं, 2013 से 2014 के बीच एक छोटे से अंतराल को छोड़कर।
उल्लेखनीय उपलब्धियां
- 1990 के दशक में देश के लोकतंत्र में संक्रमण का नेतृत्व किया
- विभिन्न आर्थिक और सामाजिक कार्य को लागू किया
- क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जैसे कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) और संयुक्त राष्ट्र
व्यक्तिगत जीवन
शेख हसीना का विवाह डॉ एम ए वाज़ेद मिया से हुआ है, जो एक परमाणु वैज्ञानिक हैं, और उनके दो बच्चे हैं, साजीब वाज़ेद और साइमा वाज़ेद।
शेख हसीना 1975 में बांग्लादेश छोड़कर भाग गईं थीं क्योंकि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान, बांग्लादेश के संस्थापक पिता और तत्कालीन राष्ट्रपति, की हत्या कर दी गई थी।
15 अगस्त 1975 को शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। शेख हसीना और उनके भाई शेख कमाल को मार दिया गया था, लेकिन शेख हसीना अपने पति डॉ एम ए वाज़ेद मिया के साथ जर्मनी में थीं, इसलिए वे इस हत्याकांड से बच गए थे।
इसके बाद, शेख हसीना ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली और दोषियों को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करना जारी रखा। वह 1981 में अवामी लीग की नेता बनीं और 1996 में पहली बार बांग्लादेश की प्रधान मंत्री बनीं।
बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है, जिसके बाद उनके आधिकारिक निवास पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। हसीना के देश छोड़ने के बाद, प्रदर्शनकारियों ने उनके आधिकारिक निवास को लूट लिया और उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़ दिया। शेख हसीना के इस्तीफे से बांग्लादेश में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।
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