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क्या है वजह? क्यू अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी 'पोर्ट ब्लेयर' का नाम बदला गया और क्या है वहां के लोगों की प्रतिक्रियाएं।।।

भारत सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय देश को अपनी औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करने के लिए लिया गया है, क्योंकि मूल नाम ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी कैप्टन आर्चिबाल्ड ब्लेयर से प्रेरित था। नया नाम, श्री विजय पुरम, भारत की स्वतंत्रता संग्राम में हासिल की गई जीत का प्रतीक है और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की इसमें अद्वितीय भूमिका को दर्शाता है।


देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री श्री जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजय पुरम’ करने का निर्णय लिया है।

‘श्री विजय पुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।

इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है। चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है।


यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा माँ भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘श्री विजय पुरम नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है. इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है. चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है. यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है

                              एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, 14 सितंबर 2024 को जारी एक राजपत्र अधिसूचना के बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का आधिकारिक रूप से नाम बदलकर 'श्री विजय पुरम' कर दिया गया है। यह अधिसूचना 'अंडमान और निकोबार गजट' में प्रकाशित की गई थी, जिसमें शहर के नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दिया गया था।



श्री अतिम शाह ने ट्वीट किया है कि, "देश को औपनिवेशिक छापों से मुक्त करने के लिए पीएम narendramodi जी के विजन से प्रेरित होकर, आज हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर 'श्री विजय पुरम' करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पिछला नाम एक औपनिवेशिक अतीत को दर्शाता है, 'श्री विजय पुरम' भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की जीत और क्षेत्र के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व का प्रतीक है।

अमित शाह की घोषणा के तुरंत बाद नाम परिवर्तन को मंजूरी देने वाला गृह मंत्रालय का एक पत्र सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। अंडमान और निकोबार प्रशासन के मुख्य सचिव को संबोधित पत्र में शहर के नाम बदलने के लिए सरकार की मंजूरी की पुष्टि की गई है।


इस निर्णय पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। जबकि कुछ ने परिवर्तन को अपनाया है, अन्य ने असंतोष व्यक्त किया है, सरकार से शहर के पूर्व नाम को बहाल करने का आह्वान किया है। आलोचकों का तर्क है कि परिवर्तन शहर की लंबे समय से चली आ रही पहचान को नजरअंदाज करता है और द्वीप की विरासत और पर्यटन उद्योग पर संभावित प्रभाव के बारे में चिंतित हैं।



 

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