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Amit Shah and Bhagwat Andaman Visit: अमित शाह और मोहन भगवत अंडमान-निकोबार का दौरा करेंगे, साथ ही सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।।।

Amit Shah and Mohan Bhagwat Andaman Visit:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और RSS प्रमुख मोहन भगवत गुरुवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर जा सकते हैं। दोनों 12 दिसंबर को दक्षिण अंडमान के बीडनाबाद में सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और RSS प्रमुख मोहन भगवत गुरुवार से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर जा सकते हैं, जहां वे विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस महत्वपूर्ण दौरे को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कुछ क्षेत्रों में यातायात प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।


सरसंघचालक के रूप में भगवत का पहला दौरा

इसके साथ ही भगवत श्री विजयपुरम के डॉलीगंज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं से संक्षिप्त बातचीत कर सकते हैं। मोहन भगवत का सरसंघचालक के रूप में यह पहला दौरा होगा। लगभग दो दशक पहले भगवत ने सरकार्यवाह (महासचिव) के रूप में द्वीप समूह का दौरा किया था, जबकि शाह का यह दूसरा दौरा होगा। उन्होंने जनवरी 2023 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के उपलक्ष्य में द्वीप समूह का दौरा किया था।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और RSS प्रमुख मोहन भगवत सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे :

अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत 12 दिसंबर को दोनों सुबह करीब 9:30 बजे दक्षिण अंडमान के बीडनाबाद में सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और शाम को डॉ. बी. आर. अंबेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान (डीबीआरएआईटी) में आयोजित एक कार्यक्रम में सावरकर पर एक गीत का विमोचन करेंगे। 13 दिसंबर को भगवत शाम को श्री विजयपुरम स्थित आईटीएफ ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं और 14 दिसंबर को द्वीपसमूह से रवाना हो जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री 12 दिसंबर की रात या अगली सुबह द्वीपों से रवाना हो सकते हैं।


सावरकर की कविता की 116वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी:

यह पूरा कार्यक्रम महाराष्ट्र स्थित एक व्यापारिक समूह द्वारा सावरकर की प्रतिष्ठित कविता 'सागर प्राण तलमाला' (हे सागर, मेरी आत्मा तड़प रही है, मुझे मेरी मातृभूमि ले चलो) की रचना की 116वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने यह कविता 1909 में लिखी थी। सावरकर को अंग्रेजों द्वारा 1911 में पोर्ट ब्लेयर (जिसे अब हम लोग श्री विजयपुरम के नाम से जानते है) की सेलुलर जेल में कैद कर दिया गया था।



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